कल्याण (सुशील सिंह)
महावितरण का अजब गजब कारोबार: मीटर खराब होने पर बाहर से खरीदने की सलाह
कल्याण मे महावितरण यानी बिजली विभाग की मनमानी अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है! हाल ही में एक घटना ने इस मुद्दे को और भी उजागर कर दिया है। जब उपभोक्ताओं के मीटर खराब होते हैं, तो उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता देने के बजाय, नेतिवली शाखा से बाहर की दुकानों से मीटर खरीदने के लिए कहा जा रहा है। यह तो साफ है कि यहां कुछ न कुछ गड़बड़ है, क्योंकि जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार मीटर की कोई कमी नहीं है।
उदाहरण के लिए, कल्याण पूर्व निवासी शिक्षक शंकर पाण्डेय का मीटर जल गया। जब उन्होंने शिकायत लेकर संबंधित कर्मचारी से संपर्क किया, तो उन्हें मीटर लगाने के बजाय एक दुकान से मीटर खरीदने के लिए कहा गया। मजबूरन उन्हें बाहर से मीटर लाना पड़ा। अब सवाल यह है कि क्या यह एक सामान्य प्रक्रिया है या फिर यह सब एक बड़ी साठगांठ का हिस्सा है?
शंकर पाण्डेय ने इस मीटर का बिल और फोटो वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा है, लेकिन सवाल यह है कि क्या महावितरण इस मामले में कार्रवाई करेगा? जब उपभोक्ताओं का बिजली बिल समय पर नहीं भरने पर विभाग तत्परता से बिजली काटने के लिए उठ खड़ा होता है, तो इस तरह की मिलीभगत पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती?
बिजली विभाग के जनसंपर्क अधिकारी विजय दूधभाते ने कहा कि वह इस मामले की जांच करेंगे। लेकिन क्या यह सच में पर्याप्त है? क्या विभाग के तीन कर्मचारियों और दुकानदारों की मिलीभगत से कितने लोग परेशान हो रहे हैं, यह केवल बिजली विभाग को ही पता है।
शंकर पाण्डेय इस मामले पर ध्यान बनाए हुए हैं और देखेंगे कि उपभोक्ताओं को मीटर खरीदने के लिए भेजने वाले कर्मचारी पर क्या कार्रवाई की जाती है। यह केवल शंकर पाण्डेय की नहीं, बल्कि सभी उपभोक्ताओं की चिंता है। डेली डोज़ की टीम इस मुद्दे पर उपभोक्ताओ के हितो की रक्षा के लिए आवाज उठाती रहेगी !












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