सुशील सिंह
चित्रकूट के श्री श्रीधर धाम दास हनुमान देवस्थान आश्रम में युग तुलसी पद्मभूषण श्री रामकिंकर जी की जन्मशताब्दी का त्रिदिवसीय समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस अद्भुत अवसर पर मिशन के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी श्री मैथिली शरण जी की अध्यक्षता में देश के प्रख्यात संतों का संगम हुआ, जिसने इस कार्यक्रम को और भी भव्यता प्रदान की।
समारोह में संत श्री मुरारी बापू, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत जी, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद जी, और 13 वर्ष की उम्र में संन्यास लेने वाले उत्तम स्वामी जी जैसे महान संतों ने भाग लिया।
मोहन भागवत जी ने कहा कि प्रभु की इच्छा और संतों के प्रयासों से सनातन धर्म का उत्थान हो रहा है। उन्होंने समाज को मन की अयोध्या बनाने का प्रेरणादायक संदेश दिया, ताकि हमारे समाज में शांति और सद्भावना बनी रहे।
प्रख्यात संत मुरारी बापू ने मोहन भागवत जी को राष्ट्रपुरुष संबोधित करते हुए साधु निष्ठा को प्रणाम किया। स्वामी चिदानंद जी ने सनातन समाज को राष्ट्र के प्रति समर्पण और जातियों के सम्मान का महत्व बताया। उत्तम स्वामी जी ने राम और गीता को समझने के लिए पंडित रामकिंकर जी की शिक्षाओं को महत्व देने का आग्रह किया, जो कि हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक हैं।
इस भव्य समारोह में स्वामी श्री मैथिली शरण जी ने अतिथियों का स्वागत किया, और पद्मश्री भजन गायिका मालिनी अवस्थी ने अपने भजनों से सभी का मन मोह लिया। यह समारोह न केवल श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक था, बल्कि हमारे समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी बना।












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