कल्याण (विनोद तिवारी)
महाराष्ट्र के कल्याण पूर्व विधानसभा में एक बार फिर से राजनीतिक तापमान बढ़ता नजर आ रहा है। विधायक गणपत गायकवाड, जो पिछले सात महीनों से जेल में बंद हैं, ने करवा चौथ के इस विशेष अवसर पर अपनी पत्नी सुलभा गायकवाड को भाजपा से उम्मीदवारी दिलवाकर अपनी राजनीतिक पकड़ को साबित किया है। यह कदम निश्चित रूप से उनके समर्थकों में उत्साह का संचार करेगा।
गणपत गायकवाड पर फरवरी 2024 में शिवसेना (शिंदे गुट) के शहर प्रमुख महेश गायकवाड पर गोली चलाने का आरोप है, जिसने न केवल कल्याण बल्कि पूरे महाराष्ट्र में राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया। इस गंभीर मामले के बाद, कई राजनीतिक विश्लेषकों ने यह अनुमान लगाया था कि गणपत गायकवाड का टिकट कट सकता है। लेकिन, जेल में रहते हुए सुलभा गायकवाड को भाजपा से उम्मीदवारी दिलवाना उनके राजनीतिक कौशल को दर्शाता है।
इस घटनाक्रम से शिवसेना (शिंदे) गुट के वरिष्ठ नेताओं और उनके समर्थकों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है। कई प्रमुख नेताओं ने महायुती के उम्मीदवार सुलभा गायकवाड को सहयोग न करने का सामूहिक निर्णय लिया है, जो कि आने वाले चुनावों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
महाराष्ट्र की राजनीति में महायुती और महाविकास अघाड़ी के बीच चल रही प्रतिस्पर्धा के बीच, कल्याण पूर्व विधानसभा में उत्पन्न इस राजनीतिक हलचल का आस-पास की कई विधानसभा सीटों पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस राजनीतिक उठापटक का अंत क्या होता है और सुलभा गायकवाड अपनी उम्मीदवारी के साथ किस तरह की चुनौतियों का सामना करेंगी।
क्या वे अपने पति की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा पाएंगी या उन्हें नए राजनीतिक समीकरणों का सामना करना पड़ेगा?















संतोष तिवारी
ये तो होना ही था, जो सीट पक्की है उसको कोई नही छोड़ना चाहेगा,