कल्याण (सुशील सिंह )
ठाणे में महायुती के भीतर विवाद की चिंगारी भड़कने की आशंका है। यहां भाजपा के उल्हासनगर जिला अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के संबंध में एक विवादास्पद बयान दिया है, जिससे भाजपा और शिंदेसेना के बीच मतभेद उत्पन्न होने की संभावना है।
ठाणे जिला को शिवसेना-भाजपा का गढ़ माना जाता है, किंतु दोनों दलों के पदाधिकारियों के बीच सामंजस्य की कमी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है। कल्याण पूर्व विधानसभा में शिंदे की सेना के शहर प्रमुख महेश गायकवाड ने निर्दलीय नामांकन भरा है, जबकि कल्याण पश्चिम विधानसभा में भाजपा के पूर्व विधायक नरेंद्र पवार ने भी ऐसा ही किया है। इससे महायुती के घटक दलों के बीच असहमति की स्थिति स्पष्ट हो रही है।
उल्हासनगर में भाजपा और साई पार्टी के संयुक्त कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष प्रदीप रामचंदानी ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के संबंध में एक विवादास्पद वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा, “अब कोई भी गद्दार नहीं रह गया है; जिन व्यक्तियों को गद्दार कहा जाता है, वे मुख्यमंत्री बनते हैं। राजनीति की परिभाषा बदल गई है। जिन्हें हम कल गद्दार कह रहे थे, वे आज हमारे दल में शामिल हो गए हैं, और उन्हें आज हम खुद्दार कहते हैं।”
उनके इस वक्तव्य ने उपस्थित जनसमूह में हलचल मचा दी। जब रामचंदानी से इस विषय में पूछताछ की गई, तो उन्होंने दावा किया, “मैंने ऐसा नहीं कहा, बल्कि विरोधी जिन व्यक्तियों को गद्दार कहते हैं, वे मुख्यमंत्री बनते हैं। वे गद्दार नहीं, बल्कि खुद्दार होते हैं।”
इस वक्तव्य पर शिवसेना शिंदे गुट की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा की जा रही है। शिवसेना ने स्पष्ट किया है कि जब तक जिला अध्यक्ष रामचंदानी माफी नहीं मांगते, तब तक शिवसेना का कोई कार्यकर्ता भाजपा विधायक और उम्मीदवार कुमार आयलानी का सहयोग नहीं करेगा। इस स्थिति के कारण विधायक कुमार आयलानी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे ठाणे जिले में भाजपा और शिवसेना के बीच असहमति और बढ़ सकती है।















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