शाहपुर के शिरगांव स्थित जिला परिषद स्कूल की छात्रा सुजाता मडके ने इसरो में वैज्ञानिक के रूप में पद प्राप्त कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। उनकी प्रेरणादायक यात्रा ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों की अंतरिक्ष विज्ञान जैसे प्रतिष्ठित क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने की क्षमता को उजागर करती है।
पृष्ठभूमि और शिक्षा :
- सुजाता ठाणे जिले के शाहपुर के शिरगांव गांव की एक साधारण पृष्ठभूमि से आती हैं।
- उन्होंने स्थानीय जिला परिषद स्कूल में पढ़ाई की, जहां उनके पिता और दादा भी पढ़ते थे।
- सुजाता ने शैक्षणिक दृष्टि से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया तथा एसएससी में 94.91% तथा एचएससी में 77.50% अंक प्राप्त किए।
- उन्होंने डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, लोनेरे, रायगढ़ से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक. पूरा किया।

करिएर :
- इसरो में शामिल होने से पहले सुजाता ठाणे आरटीओ में सहायक मोटर वाहन निरीक्षक के रूप में काम करती थीं।
- उन्होंने डीआरडीओ (DRDO ) और बीएआरसी (BARC) जैसे प्रतिष्ठित संगठनों की भर्ती प्रक्रियाओं में भी भाग लिया।
- 27 मई, 2025 को इसरो में राजपत्रित वैज्ञानिक के रूप में उनकी नियुक्ति उनके और उनके समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

प्रेरणा और समर्थन :
- सुजाता अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, विशेषकर अपनी मां सविता और जिला परिषद स्कूल के शिक्षकों के अटूट सहयोग को देती हैं।
- उनके पिता रामचंद्र मडके ने उनकी उपलब्धियों पर अत्यधिक गर्व व्यक्त किया तथा कहा कि वह परिवार में महाराष्ट्र से बाहर शिक्षा प्राप्त करने वाली पहली महिला थीं।
- सुजाता की पढ़ाई के प्रति समर्पण स्पष्ट था, क्योंकि वह पूर्णकालिक नौकरी करते हुए भी अक्सर प्रतिदिन 8 से 12 घंटे पढ़ाई करती थीं।
प्रभाव और विरासत :
- सुजाता की यात्रा ग्रामीण महाराष्ट्र की युवा महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कोई भी अपने सपनों को हासिल कर सकता है।
- उनकी कहानी चुनौतियों पर काबू पाने और लक्ष्य तक पहुंचने में शिक्षा और पारिवारिक सहयोग के महत्व पर जोर देती है।












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