सुशील सिंह
कांग्रेस के नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर को फोन किया। इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं के बीच औपचारिक चर्चा हुई। लोकसभा चुनाव में वंचित आघाड़ी के साथ महाविकास आघाड़ी का गठबंधन न होने के कारण कांग्रेस और वंचित के बीच दूरी बढ़ गई थी। हालांकि, प्रकाश आंबेडकर ने कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों को समर्थन दिया था। अब राहुल गांधी के फोन करने के बाद क्या कांग्रेस और वंचित के बीच की कटुता कुछ हद तक कम होगी? यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
लोकसभा चुनाव के संदर्भ में महाविकास आघाड़ी और वंचित बहुजन आघाड़ी के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा हुई थी। प्रकाश आंबेडकर स्वयं कुछ बैठकों में उपस्थित रहे थे, लेकिन सीटों के बंटवारे का मुद्दा हल नहीं हो सका। इसके परिणामस्वरूप वंचित बहुजन आघाड़ी ने अपने उम्मीदवार खड़े किए। इतना ही नहीं, कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों को वंचित बहुजन आघाड़ी की ओर से समर्थन भी दिया गया था। फिर भी, अकोला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में प्रकाश आंबेडकर के खिलाफ कांग्रेस ने उम्मीदवार खड़ा किया था।
विधानसभा चुनाव के निकट वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर की एंजियोप्लास्टी सर्जरी हुई थी। इस सर्जरी के बाद प्रकाश आंबेडकर ने एक बार फिर चुनाव प्रचार शुरू किया है। वे राज्यभर में वंचित बहुजन आघाड़ी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार सभाएं आयोजित कर रहे हैं। इस दौरान जब वे बुलडाणा जिले के खामगांव में प्रचार सभा के लिए पहुंचे, तब उन्हें राहुल गांधी द्वारा फोन करने की जानकारी मिली। राहुल गांधी ने प्रकाश आंबेडकर की स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनकी देखभाल करने का आग्रह भी किया।
कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रकाश आंबेडकर के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने के कारण लोकसभा चुनाव में प्रकाश आंबेडकर तीसरे स्थान पर फेंके गए थे। लेकिन अब राहुल गांधी के फोन आने के बाद क्या वंचित बहुजन आघाड़ी और कांग्रेस के बीच की कटुता कम होगी? यह देखना होगा। इन दोनों नेताओं के बीच कुछ राजनीतिक चर्चा हुई या नहीं, इस संबंध में अभी तक कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है।















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