कल्याण (सुशील सिंह)
कल्याण पूर्व में फेरीवालों ने KDMC प्रभाग कार्यालय के सामने धरना दिया, जिसमें उन्होंने सड़कों पर जबरन अवैध धंधा लगाने की मांग की। यह एक अनोखा आंदोलन है जिसमे नियमो को ताक पर रख्खा गया है ! मुंब्रा, भिवंडी और अन्य बाहरी फेरीवालों ने पुनालिंक रोड – विठ्ठलवाड़ी मुख्य सड़क और फुटपाथ पर अतिक्रमण कर व्यापार करने की मांग को लेकर यह प्रदर्शन किया। हर शुक्रवार को कल्याण डोंबिवली शहर के बाहर से सैकड़ों फेरीवाले आकर सड़कों पर अतिक्रमण करते हैं, जिससे वाहन चालकों और राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बाजार में जुए और नशे के अड्डे भी धड़ल्ले से चलते हैं।
कल्याण में अवैध धंधे और फेरीवालों की गतिविधियाँ एक गंभीर समस्या बन गई हैं। स्थानीय गुंडों का सहयोग इन धंधों को बढ़ावा देता है, जिससे स्थिति और भी जटिल हो जाती है। अवैध धंधे, जैसे कि बिना लाइसेंस के सामान बेचना, न केवल आर्थिक अपराध हैं बल्कि ये सार्वजनिक व्यवस्था को भी प्रभावित करते हैं। इन फेरीवालों की पहचान स्पष्ट नहीं होती, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ती है।
फेरीवालों द्वारा सड़क पर कब्जा करने से ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न होती है, जिससे आपातकालीन सेवाओं को भी बाधित किया जाता है। यह स्थिति नागरिकों के दैनिक जीवन में अव्यवस्था पैदा करती है। महिलाओं को अविवेकपूर्ण बातचीत और डबल मीनिंग टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है, जो सामाजिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।
KDMC डी वार्ड अधिकारी सोनावने ने नागरिकों की शिकायत पर सड़कों को अतिक्रमण मुक्त बनाने का बीड़ा उठाया था, जिसके खिलाफ फेरीवालों ने धरना दिया।
इन फेरीवालों को स्थानीय नेताओं का संरक्षण भी प्राप्त है, जो उन्हें प्रतिदिन 200 से 300 रुपये लेकर अवैध धंधे को केडीएमसी और पुलिस की कार्रवाई से बचाने का काम करते हैं।
इस समस्या का समाधान करने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। अवैध फेरीवालों के खिलाफ कार्रवाई करना, उनके लाइसेंस की जांच करना और उन्हें पहचान पत्र जारी करना अनिवार्य है। इसके बिना, ये फेरीवाले और स्थानीय गुंडे समाज में असुरक्षा और अव्यवस्था का माहौल बनाते रहेंगे।
शुक्रवार साप्ताहिक बाजार में कई बार महिलाओं के साथ छेड़खानी, ठगी, और जुए के धंधे की शिकायतें की गई हैं। लेकिन स्थानीय नेता महापुरुषों के नाम का दुरुपयोग कर नागरिकों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं।
आरटीआई एक्टिविस्ट विनोद तिवारी ने भी इन फेरीवालों की पहचान और लोगों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया था। विनोद तिवारी द्वारा इसके खिलाफ मेथी आंदोलन किया गया जिसमे कल्याण के नागरिक शामिल होकर इस आंदोलन को अपना समर्थन दिये !
कई जागरूक नागरिकों ने पुलिस प्रशासन को सूचित किया कि इन बाहरी फेरीवालों में कई बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल हैं, जो नकली पहचान बनाकर अवैध व्यापार कर रहे हैं। लेकिन स्थानीय नेता के दबंगई के आगे प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई करने में असमर्थ दिखाई दे रही है।
सामाजिक कार्यकर्ता अंकुश दुबे ने भी इन फेरीवालों के खिलाफ ट्वीट किया और उनकी पहचान को लेकर सवाल उठाया। शहर के नागरिक इस आंदोलन से भौचक्का हैं और प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं कि क्या शहर की सड़कों और फुटपाथ पर चलने का अधिकार नागरिकों को है या नहीं।
विनोद तिवारी ने बताया जल्द ही जागरूक नागरिकों का एक शिष्ट मंडल KDMC कमिश्नर से मुलाकात कर शहर में फेरीवालों को लाइसेंस देने और अवैध धंधों और हफ्ताखोरी को रोकने की मांग करेगा।












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