कल्याण (सुशील सिंह)
कल्याण पूर्व में बढ़ते जल संकट को लेकर क.डो.म.पा के कथित उपेक्षा के खिलाफ भाजपा द्वारा मंगलवार, 29 जुलाई 2025 को सुबह 11 बजे ‘ड’ प्रभाग क्षेत्र कार्यालय, काटेमानिवली, कल्याण पूर्व में जन आंदोलन किया गया। इस आंदोलन में स्थानीय सोसाइटी, कॉलोनी और इमारतों के सैकड़ों लोग शामिल हुए, जिन्होंने अपनी पानी की समस्या को लेकर आवाज उठाई।
आंदोलनकारियों ने बताया कि कई वर्षों से वे पानी की बेहतर आपूर्ति की मांग कर रहे हैं, लेकिन हर बार शिकायत के बाद केवल दो-चार दिन ही संतोषजनक पानी मिलता है और फिर स्थिति पहले जैसी हो जाती है। वे अपर्याप्त और कम दबाव वाले पानी की आपूर्ति से परेशान हैं, जबकि ठोस समाधान नहीं किए जा रहे हैं। मजबूरन इस अंतिम कदम के रूप में आंदोलन किया गया।
आंदोलन की मुख्य मांगें इस प्रकार थीं:
– कल्याण पूर्व को नेतिवली प्लांट से मंजूर 5 MLD पानी की आपूर्ति तुरंत शुरू की जाए।
– बारावे प्लांट से प्रति घंटे 3900 क्यूबिक मीटर पानी की आपूर्ति होनी चाहिए, जबकि वर्तमान में केवल 3300 से 3400 क्यूबिक मीटर ही मिल रहा है।
– जलवाहिनी पर लगे फ्लो मीटर जो वर्षों से खराब स्थिति में हैं, उन्हें तुरंत बदला जाए ताकि पानी की लीक और वितरण का सही पता चल सके।
– गंदे और बदबूदार पानी की समस्या के समाधान के लिए पुरानी, जर्जर और टूटी हुई जलवाहिनियों को जल्द से जल्द बदलकर नई जलवाहिनी लगाई जाए।
आंदोलन के दौरान पुणा लिंक रोड पर भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत की। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी स्वयं पर मौजूद रहे और स्थिति को संभाला। करीब एक घंटे तक रोड जाम बना रहा। अचानक एक एम्बुलेंस की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए भीड़ को हटाकर एम्बुलेंस को रास्ता दिया और उसे सुरक्षित बाहर निकाला।
इस दौरान आमदार सुलभा गायकवाड़ के आने और वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद आंदोलनकारियों ने आंदोलन वापस लेने का निर्णय लिया।
वंचित बहुजन आघाड़ी के कल्याण डोंबिवली महानगर शहर अध्यक्ष विशाल पावशे ने इस आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “बीजेपी का यह आंदोलन केवल दिखावा है। पानी की समस्या के लिए रोड जाम करना और आंदोलन करना केवल जनता को असुविधा पहुंचाने जैसा है। अगर सच में जनता की भलाई होती तो वे सड़क जाम जैसी समस्याओं पर भी आंदोलन करते। यह आंदोलन उनकी असफलता छुपाने का प्रयास है। कल्याण पूर्व में वर्षों से बीजेपी का ही वर्चस्व है, आमदार भी उन्हीं के हैं, फिर भी जनता को आंदोलन करना पड़ रहा है। यह कल्याण पूर्व के लिए दुर्भाग्य की बात है कि जनता अपने मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।”
विशाल पावशे ने आगे कहा, “सत्ता में रहते हुए भी काम न करना और फिर आंदोलन करना जनता के साथ विश्वासघात है। हमें उम्मीद है कि प्रशासन और संबंधित अधिकारी जल्द से जल्द इन मांगों पर ध्यान देंगे और कल्याण पूर्व के नागरिकों को उनके हक का पानी उपलब्ध कराएंगे।”












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