कल्याण (विनोद तिवारी)
हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बावजूद KDMC में करोड़ों की सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण शुरू। रूम के पीछे वार्ड अधिकारी 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हैं।
कल्याण डोंबिवली में सरकारी और आरक्षित जमीनों पर अवैध निर्माण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य सरकार द्वारा अवैध निर्माण पर कार्रवाई के लिए बनाए गए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन नहीं किया जा रहा है। KDMC के आयुक्त को मुंबई हाईकोर्ट से कई बार फटकार और कठोर कार्रवाई का आदेश मिलने के बावजूद, KDMC के वार्ड अधिकारी नियमों का पालन करने को तैयार नहीं हैं।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार KDMC के अधिकारी सरकारी जमीन पर एक अवैध रूम के पीछे 50 हजार रुपये की रिश्वत लेकर अवैध निर्माण को संरक्षण देने से बाज नहीं आ रहे हैं। इस पूरे मामले में KDMC की पहली महिला आयुक्त, IAS अधिकारी इंदुरानी जाखड़, किसी भी शिकायत को सुनने को तैयार नहीं हैं। KDMC के सभी विभागों में अनधिकृत निर्माण नियंत्रक विभाग सिर्फ वार्ड अधिकारियों के लिए रिश्वत कमाने का एक साधन बन गया है। शिकायत करने पर सभी संबंधित कर्मचारी अपने विभागीय अधिकारियों की ओर इशारा करते हैं कि जब तक साहब नहीं कहेंगे, कोई कार्रवाई नहीं होगी।
शहर में हो रहे अवैध निर्माण से मनपा और नागरिकों के हितों को नुकसान हो रहा है। कई जागरूक नागरिकों ने इस मामले को मुंबई हाईकोर्ट में उठाया, जिसके बाद हाईकोर्ट ने KDMC आयुक्त को आदेश दिया कि वे अवैध निर्माण और सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायत पर स्वयं कार्रवाई करें। लेकिन आयुक्त इंदुरानी जाखड़ ने हाईकोर्ट के आदेश को नजरअंदाज करते हुए करोड़ों की सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण पर आंखें मूंद रखी हैं।
एक मामला KDMC के 9 आय प्रभाग क्षेत्र के द्वार्ली गाँव में है, जहां सर्वे नंबर 4 की करोड़ों की कीमत की सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण शुरू हो गया है। 27 गाँवों को KDMC क्षेत्र में शामिल करने के बाद, सभी वार्ड अधिकारियों ने बारी-बारी से रिश्वत लेकर इस सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण करवाने का काम किया। ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय से इस सरकारी जमीन पर शुरू अवैध निर्माण को हटाने और रिपोर्ट देने के लिए 11 अप्रैल 2017 को KDMC आयुक्त को पत्र दिया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।


गूगल अर्थ फोटो में साफ दिखाई दे रहा है कि कैसे सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण हो रहा है, लेकिन लगातार शिकायत देने के बावजूद भी KDMC में करोड़ों की सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि विधानसभा चुनाव में शहर के विकास के लिए चुनावी मैदान में उतरे किसी भी उम्मीदवार को KDMC क्षेत्र में सरकारी और आरक्षित भूखंडों पर हो रहे अवैध निर्माण दिखाई नहीं दे रहे हैं। अब देखना यह है कि चुनाव और आचार संहिता की आड़ में KDMC क्षेत्र में इस चुनाव में कितने अवैध निर्माण किए जाते हैं।












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