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कोर्ट ने Torres Ponzi घोटाले में जब्त आभूषणों की बिक्री को मंजूरी दी।

मार्च में, EOW ने 142 करोड़ रुपये के ‘घोटाले’ में आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें प्लेटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कथित तौर पर 14,000 से अधिक निवेशकों को ठगा गया था।

एक विशेष अदालत ने टोरेस पोन्ज़ी (Torres Ponzi) घोटाले से संबंधित सोना, चांदी और मोइसैनाइट पत्थरों सहित जब्त आभूषणों की बिक्री की अनुमति दे दी है। आर्थिक अपराध शाखा (The Economic Offences Wing (EOW)) को जब्त की गई संपत्तियों को बेचने के लिए अधिकृत किया गया है, तथा धोखाधड़ी का विवरण देते हुए आरोपपत्र दाखिल किया गया है, जिसमें बड़ी मात्रा में धनराशि और बड़ी संख्या में निवेशक शामिल हैं। 

टोरेस ज्वेलरी पोंजी घोटाला अपडेट : 

कोर्ट की मंजूरी: एक विशेष अदालत ने टोरेस पोंजी घोटाले के सिलसिले में जब्त किए गए आभूषणों की बिक्री की अनुमति दे दी है। इसमें सोना, चांदी और मोइसैनाइट पत्थर शामिल हैं।

आरोपपत्र विवरण: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 2025 की शुरुआत में सामने आए करोड़ों रुपये के टोरेस कंपनी घोटाले में 69 दिनों की जांच के बाद सोमवार को एक विशेष अदालत में 27,147 पन्नों का आरोपपत्र दायर किया।

धोखाधड़ी की राशि: आरोपपत्र से पता चलता है कि 14,157 पीड़ितों के साथ धोखाधड़ी की गई, जिसमें कुल घोटाला ₹142.58 करोड़ का था। 

आरोपी: चार्जशीट में 8 गिरफ्तार आरोपियों और 11 फरार व्यक्तियों का विवरण शामिल है। चार्जशीट में नामजद आठ गिरफ्तार व्यक्ति प्लेटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड, तानिया उर्फ ​​ताजगुल कसातोवा, वैलेंटिना गणेश कुमार, सर्वेश सुर्वे, अल्पेश खारा, तौसिफ रियाज, आर्मेन अतियान और लल्लन सिंह हैं। 11 फरार आरोपियों में से आठ यूक्रेन के नागरिक हैं, दो भारतीय हैं और एक तुर्की का नागरिक है।

संपत्ति की नीलामी: नकदी और फर्नीचर सहित 32 करोड़ रुपये मूल्य की जब्त संपत्ति की जल्द ही नीलामी की जाएगी, जिससे प्राप्त राशि पीड़ितों के बीच वितरित की जाएगी।

मनी लॉन्ड्रिंग: जांच से पता चलता है कि 13.78 करोड़ रुपये के काले धन को सफेद किया गया और बाद में मुंबई में टोरेस ज्वैलरी के संचालन को स्थापित करने के लिए इस्तेमाल किया गया। लल्लन सिंह विभिन्न वित्तीय संस्थानों के माध्यम से काले धन को सफेद करने के लिए जिम्मेदार था।

गवाहों की गवाही: ईओडब्ल्यू ने 280 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण गवाही सीए अभिषेक गुप्ता की है, जिन्होंने घोटाले का पर्दाफाश किया था।

 

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