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गैंगरेप और आत्महत्या के मामले में आरोपियों को हाईकोर्ट से मिली सशर्त जमानत, पीड़ित परिवार में निराशा , मृतक के परिवार की दिवाली हुई सुनी

कल्याण (विनोद तिवारी)

जून 2022 में कल्याण पूर्व में एक नाबालिक लड़की की आत्महत्या और उसके साथ हुए शारीरिक एवं मानसिक शोषण तथा गैंगरेप के मामले ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया था। अब, 17 अक्टूबर 2024 को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा चार आरोपियों जिनके नाम क्रमशः विजय यादव, निखिल मिश्रा, शिवम पांडेय और प्रमय तिवारी सशर्त जमानत मिलने की खबर ने पीड़ित परिवार के लिए दिवाली का माहौल और भी दुखद बना दिया है।

आर्थिक रूप से कमजोर इस परिवार के लिए यह निर्णय अत्यंत आहत करने वाला है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि इतने घिनौने अपराध करने वाले आरोपियों को न्यायालय से जमानत कैसे मिल सकती है। मृतक लड़की के एक रिश्तेदार ने बताया कि आरोपियों को जमानत मिलने से मृतक की माँ ईश्वर से प्रार्थना कर रही हैं कि शहर की अन्य बच्चियों को इन अपराधियों से बचाया जाए। यह स्थिति दर्शाती है कि कानून कई बार पीड़ित को ही दंडित करने में संलग्न हो जाता है।

आरोपियों के वकील ने अदालत में अन्य तमाम दांवपेंच के साथ यह दलील दिया कि भले ही आरोपियों के मोबाइल में मृतक नाबालिक लड़की के आपत्तिजनक वीडियो और अन्य सबूत होने के बावजूद उन्हें जेल में रखना उचित नहीं है। इस तर्क को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने 28 महीने से जेल में बंद चारों आरोपियों को सशर्त जमानत प्रदान की है।

हाईकोर्ट ने जमानत देते समय यह शर्त रखी है कि सभी चार आरोपी कोळसेवाड़ी पुलिस स्टेशन के क्षेत्र से बाहर रहेंगे और पीड़ित परिवार तथा अन्य सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे। इसके अलावा, जमानत पर रिहा हुए आरोपियों को हर महीने के पहले सोमवार को निर्दिष्ट पुलिस स्टेशन में हाजिरी देना होगा, और जमानत मिलने के सात दिनों के भीतर सभी आरोपियों को ट्रायल कोर्ट में अपने पासपोर्ट जमा कराना होगा।

डेलीडोज की टीम इस मामले से संबंधित अन्य विस्तृत खबरें प्रदान करने का कार्य निडरता से करेगी, ताकि हमारी बेटियों के अपराधियों द्वारा फिर से कोई भयानक घटना को अंजाम न दिया जा सके।

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