महाराष्ट्र ने 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए बायोमेट्रिक (Biometric Attendance) उपस्थिति अनिवार्य कर दी है, जिसके तहत उन्हें अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए चेहरे की पहचान या फिंगरप्रिंट स्कैनिंग का इस्तेमाल करना होगा। छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम 75% उपस्थिति अनिवार्य है।
बायोमेट्रिक हाजरी का परिपालन :
महाराष्ट्र राज्य शिक्षा बोर्ड जूनियर कॉलेज के छात्रों की कक्षा में उपस्थिति बढ़ाने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति लागू कर रहा है। यह प्रणाली चेहरे की पहचान या फिंगरप्रिंट स्कैनिंग का उपयोग करके यह सुनिश्चित करेगी कि छात्र कक्षा में शारीरिक रूप से उपस्थित हों।

पहल के कारण :
कई छात्र, विशेषकर मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे शहरों में, निजी कोचिंग संस्थानों के पक्ष में अपनी कॉलेज की पढ़ाई की उपेक्षा कर रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य कॉलेजों और कोचिंग सेंटरों के बीच गठजोड़ पर रोक लगाना है, जो छात्रों को उपस्थिति रिकॉर्ड में हेरफेर करने की अनुमति देता है।
अपेक्षित परिणाम :
बायोमेट्रिक प्रणाली लागू होने से छात्रों के पास कक्षाएं छोड़ने का कोई बहाना नहीं होगा, क्योंकि उपस्थिति केवल तभी दर्ज की जाएगी जब वे शारीरिक रूप से उपस्थित होंगे। इस उपाय से कक्षा में भागीदारी बढ़ने तथा निजी कोचिंग कक्षाओं के प्रभाव को नियंत्रित करने की उम्मीद है।
चिंताएं और समर्थन :
हालांकि कई अभिभावक इस कदम का समर्थन करते हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर चिंताएं हैं, जिसके कारण छात्र निजी कोचिंग की ओर रुख करते हैं। शिक्षा अधिकारियों का मानना है कि उपस्थिति को लागू करने से इन मुद्दों को सुलझाने और समग्र शैक्षिक मानकों में सुधार करने में मदद मिलेगी।












Leave a Reply