Daily Dose

Trusted Source Of Information

‘3,000 बीघा! एक कंपनी के लिए पूरा ज़िला?’ गुवाहाटी हाईकोर्ट ने ज़मीन आवंटन पर सवाल उठाए।

असम भाजपा सरकार ने अदानी ग्रुप को एक सीमेंट फैक्ट्री के लिए 3,000 बिघा (लगभग 81 मिलियन वर्ग फुट) जमीन दे दी है, जिसने कई सवाल उठाए हैं, यहाँ तक कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने भी इस आवंटन के पैमाने पर आश्चर्य व्यक्त किया है। इस फैसले ने क्षेत्र में भूमि उपयोग और विकास को लेकर गंभीर विवाद और बहस को जन्म दिया है।

आवंटन के प्रमुख विवरण

  • भूमि का आकार 3,000 बिघा, जो लगभग 81 मिलियन वर्ग फुट के बराबर है।
  • प्राप्तकर्ता: अदानी समूह, जो बुनियादी ढांचे और ऊर्जा सहित विभिन्न उद्योगों में एक प्रमुख खिलाड़ी है।
  • उद्देश्य: एक सीमेंट फैक्ट्री का निर्माण।

न्यायिक प्रतिक्रिया

  • गुवाहाटी उच्च न्यायालय की प्रतिक्रिया: न्यायाधीश इस बड़े पैमाने पर भूमि आवंटन से चकित थे, और उन्होंने एक ही कंपनी के लिए इतनी बड़ी आवंटन के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया।
  • जनता की भावना: इस निर्णय ने स्थानीय समुदायों और पर्यावरण पर इसके प्रभावों के बारे में व्यापक चर्चाओं को जन्म दिया है।

चिंताएँ

  • विकास बनाम बेदखली: आलोचकों का कहना है कि इस तरह के बड़े पैमाने पर भूमि हस्तांतरण स्थानीय जनसंख्या के विस्थापन का कारण बन सकते हैं और यह सतत विकास लक्ष्यों के साथ मेल नहीं खा सकते।
  • पारदर्शिता और जवाबदेही: निर्णय लेने की प्रक्रिया और यह कि क्या यह सार्वजनिक हित या कॉर्पोरेट हितों की सेवा करता है, के बारे में सवाल उठाए गए हैं।

निष्कर्ष

असम भाजपा सरकार द्वारा अदानी समूह को 81 मिलियन वर्ग फुट भूमि का आवंटन न केवल न्यायिक अधिकारियों को चौंका दिया है, बल्कि असम में भूमि उपयोग, कॉर्पोरेट प्रभाव और स्थानीय समुदायों के अधिकारों के बारे में एक व्यापक बातचीत को भी प्रज्वलित किया है।

इस पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए, न्यायाधीश ने उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद (एनसीएचएसी) (NCHAC) को महाबल सीमेंट्स के लिए भूमि आवंटन नीति से संबंधित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने का आदेश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी।

अदालत दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी: एक स्थानीय लोगों द्वारा दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने अपनी बेदखली को चुनौती दी थी, तथा दूसरी महाबल सीमेंट्स द्वारा दायर की गई थी, जिसमें कथित रूप से उसके संचालन में बाधा डालने वालों से सुरक्षा की मांग की गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *