टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) ने लगभग 12,000 कर्मचारियों को निकालने की योजना की घोषणा की है, जो कि इसके कार्यबल का लगभग 2% है। यह निर्णय आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण लिया गया है और कंपनी को भविष्य के लिए तैयार करने के उद्देश्य से किया गया है।
कर्मचारियों पर प्रभाव :
- ये छंटनियाँ मुख्य रूप से मध्य और वरिष्ठ प्रबंधन पदों को प्रभावित करेंगी।
- लगभग 12,261 कर्मचारी इस निर्णय से प्रभावित होंगे।
छंटनी के कारण :
- TCS ने छंटनी का मुख्य कारण कौशल असंगति (skill mismatches) को बताया है, न कि स्वचालन (automation) या एआई (AI) से संबंधित नौकरी के नुकसान को।
- कंपनी एक ऐसे परिवर्तन से गुजर रही है जिससे वह अधिक भविष्य-तैयार संगठन (future-ready organization) बन सके।
सीईओ (CEO) की वेतन विवाद:
- सीईओ के. कृत्तिवासन(K Krithivasan) की ₹26.52 करोड़ की वेतन ने सोशल मीडिया पर नौकरी कटौती के बीच उच्च कार्यकारी मुआवजे की निष्पक्षता पर बहस छेड़ दी है।
- कुछ लोग सीईओ के वेतन का बचाव करते हैं, यह तर्क करते हुए कि चुनौतीपूर्ण समय के दौरान व्यावसायिक नेतृत्व के लिए यह आवश्यक है।
उद्योग संदर्भ:
- TCS में छंटनियाँ आईटी उद्योग में एक बड़े रुझान का हिस्सा हैं, जिसमें इस वर्ष वैश्विक तकनीकी छंटनियाँ 80,000 से अधिक हो चुकी हैं।
- कर्मचारी संघों ने नौकरी कटौती के खिलाफ असंतोष व्यक्त किया है, जो कार्यबल के भीतर बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
प्रभावित कर्मचारियों के लिए समर्थन:
- TCS से उम्मीद की जा रही है कि वह निकाले गए कर्मचारियों के लिए समर्थन उपाय प्रदान करेगा, हालांकि छंटनी पैकेज के बारे में विशेष विवरण अभी तक नहीं दिए गए हैं।
- कंपनी का लक्ष्य प्रभावित कर्मचारियों को नए अवसरों में संक्रमण में सहायता करना है।












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